ISHQ Ru-B-Ru
* कोई तुझसा मेरे रु-बा-रु न हुआ,
जो इश्क़ तुझसे था वो हु-बा-हु ना हुआ.. ||
जो इश्क़ तुझसे था वो हु-बा-हु ना हुआ.. ||
* रहने दे कुछ बातें यूँ ही अनकही सी ,
जवाब तेरी आँखों में देखे हैं अटके हुए..||
* कोई तेरे साथ नहीं तो भी गम न कर,
खुद से बढ़कर दुनिया में कोई हमसफ़र नहीं होता||
* मेरे बिना.क्या अपने आप को सँवार लोगे तुम,
"इश्क़"
हूँ.कोई ज़ेवर नहीं जो उतार दोगे तुम ||
* हर्फ़--हर्फ़ सोचिये, लफ्ज़--लफ्ज़ बोलिये,
गौर-ओ-फ़िक्र कीजिये,फिर जुबान खोलिये
||
* करवटें सिसकिया कशमकश और बेताबी,
कुछ भी कहो मोहब्बत आग लगा देती है ||
* ये कौन मेरे हाल पे रोया था फूट कर,
आइने के उस तरफ़ वो शक़्स कौन था..
||
* एक ही दिन में पढ़ लोगे क्या मुझे,
मेने खुद को लिखने में कई साल लगाये है... ||
* लोग तो बे-वजह ही खरीदते हैं आईने ,
आंख बंद करके भी अपनी हकीकत जानी जा सकती है
||
* ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथ,
बचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है..||
* मुद्दतें लगीं बुनने में ख्वाब का स्वैटर,
तैयार हुआ तो मौसम बदल चुका था ||
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Pariii
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