ISHQ Ru-B-Ru

    *    कोई  तुझसा मेरे रु-बा-रु हुआ,
    जो इश्क़ तुझसे था वो हु-बा-हु ना हुआ.. ||

    *    रहने दे कुछ बातें यूँ ही अनकही सी
    जवाब तेरी आँखों में देखे हैं अटके हुए..||

   *     कोई तेरे साथ नहीं तो भी गम कर,
    खुद से बढ़कर दुनिया में कोई हमसफ़र नहीं होता||

 *     मेरे बिना.क्या अपने आप को सँवार लोगे तुम,
       "इश्क़" हूँ.कोई ज़ेवर नहीं जो उतार दोगे तुम ||

 *  हर्फ़--हर्फ़ सोचिये, लफ्ज़--लफ्ज़ बोलिये, 
    गौर--फ़िक्र कीजिये,फिर जुबान खोलिये ||

 *    करवटें सिसकिया कशमकश और बेताबी,
  कुछ भी कहो मोहब्बत आग लगा देती है || 

   ये कौन मेरे हाल पे रोया था फूट कर,
  आइने के उस तरफ़ वो शक़्स कौन था.. ||

 एक ही दिन में पढ़ लोगे क्या मुझे,
     मेने खुद को लिखने में कई साल लगाये है... ||

*   लोग तो बे-वजह ही खरीदते हैं आईने ,
  आंख बंद करके भी अपनी हकीकत जानी जा सकती है ||

 ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथ,
  बचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है..||

मुद्दतें लगीं बुनने में ख्वाब का स्वैटर,
       तैयार हुआ तो मौसम बदल चुका था ||

                                  -------------*****-------------
                                                 Pariii 
                                  -------------*****-------------

Comments

  1. Hey frnzzz!! your comments are valuable for me.. do post your suggestions.

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